A Poem from Bollywood Film Udaan..
जो लहरों से आगे नजर देख पाती,
तो तुम जान लेते मैं क्या सोंचता हूँ.
वो आवाज तुमको भी जो भेद जाती,
तो तुम जान लेते मैं क्या सोंचता हूँ.
जिद का तुम्हारे जो पर्दा सरकता,
खिडकियों से आगे भी तुम देख पाते.
आँखों से आदतों की जो पलकें हटाते,
तो तुम जान लेते मैं क्या सोंचता हूँ.
मेरी तरह होता अगर खुद पर जरा भरोसा,
तो कुछ दूर तुम भी साथ साथ आते.
रंग मेरी आँखों का बाँटते ज़रा सा,
तो कुछ दूर तुम भी साथ साथ आते.
नशा आसमान का जो चूमता तुम्हे,
हसरतें तुम्हारी नया जन्म पातीं,
खुद दूसरे जन्म में मेरी उड़ान छूने,
कुछ दूर तुम भी साथ साथ आते…
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