Wednesday, September 5, 2012

शुक्रिया..

A teacher's day dedication to My Primary school teacher..
Sir.. You are the best..

छोड़ के माँ के आँचल की छाँव ,
निकल पड़े दो नन्हे से पाँव ,
एक डरा सहमा उदास चेहरा ,
हिचकता सा तेरे पास ठहरा ..

तूने थामा नन्हे हाथों को बड़े प्यार से ,
मिलवाया उसे इस अजब संसार से ,
नन्ही आँखों में हज़ार ख़्वाब टिमटिमाये ,
तूने ही उन ख़्वाबों को पंख लगाये ..

लडखडाये जब कभी कदम ,
बढ़ के आगे तूने संभाला है ,
घबराये जब कभी ये मन ,
तूने हौसलों को फ़लक तक उछाला है ..

शुक्रिया करूं  कैसे तेरे अहसानों का ,
मेरे दिल पे पड़े इल्म के निशानों का ,
हवाओं से भेजता हूँ इतना सा पैगाम ,
रूह का ज़र्रा ज़र्रा करे झुक के सलाम ..


Monday, January 2, 2012

मन रे तू बावला बड़ा है..

मन रे तू बावला बड़ा है..
अभी इधर है बैठा,
अभी उधर उड़ चला है..
मन रे तू बावला बड़ा है..

कभी संग बयार के बहता चले तू,
कभी तूफानों के उलट चल पड़ा है..
इक पल है कोई राही गुमनाम सा,
अगले ही पल बना काफ़िला है..
मन रे तू बावला बड़ा है..

बहे कभी बेरंग पानी के जैसा,
तो कभी इन्द्रधनुष से जा मिला है..
कभी तो है सागर से भी गहरा,
कभी बारिश का इक बुलबुला है..
मन रे तू बावला बड़ा है..